💐वृषभानु और कीर्ति की लाड़ली राजदुलारी
बरसाने की छोरी प्यारी
श्रीकृष्ण की मोहिनी गोरी
और
ब्रज की अधिष्ठात्री
हैं राधा रानी 💐💐
ब्रज 84 कोस में विस्तृत क्षेत्र है ।उसी क्षेत्र में एक बहुत ही सुंदर प्रकृति के गोद में बसा एक मनोरम गांव है 💐"बरसाना"💐।वहाँ की मिट्टी में आज भी राधा नाम का मधुर स्वर ध्वनि को गूंजते महसूस किया जा सकता है ,उनकी पायल की झंकार सुनी जा सकती है ,उनकी सुंदर सलोनी ,मोहिनी छवि को कण - कण में देखी जा सकती है ,उनकी खुशबू आज भी वहां की हवा में फैली हुई है,इसलिए तो वे ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री हैं और बरसने की लाड़ली हैं।
राधा की छवि गोरी है जिनके हृदय में श्याम वर्ण श्रीकृष्ण की छवि का आनंद लिया जा सकता है।राधा को लेकर बहुत सी मिथ्या है कि वे कृष्ण की प्रेमिका हैं और हो भी क्यों ना वे उनके साथ सबसे ज्यादा रास जो रचाईं।
लेकिन वास्तव में वे श्रीकृष्ण की ना सिर्फ प्रेयसी हैं बल्कि उनकी प्रेरणा और शक्ति भी हैं ।
और उनकी छवि को पूर्णता प्रदान करती हैं,इसलिएराधा के संग कृष्ण होते हैं।
राधा स्वयं माँ लक्ष्मी का अवतार है ,अयोनिजा हैं और धरती पर श्रीकृष्ण की प्रेरणा स्रोत बन कर अवतरित हुईं।
अयोनिजा और अवतरित शब्द का प्रयोग इसलिए कर रही हूँ क्योंकि उन्होंने माँ के गर्भ से जन्म नहीं लिया।लेकिन चूंकि मनुष्य रूप में धरती पर आयीं तो वृषभानु और कीर्ति को माध्यम बनाया और वे उनके माता पिता कहलाए।माँ कीर्ति ने नौ महीने वायु को गर्भ में रखा और ..श्रीकृष्ण के जन्म के 15 दिनों बाद ..को सुबह पांच बजे वे मनोहर और चमत्कारी बालिका के रूप में कमल पुष्प से 🌷अवतरित हुईं जिसे राधाष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
लेकिन उनका जन्म श्री कृष्ण के जन्म के 1 वर्ष पहले ही हो गया था।
ऊपर की जानकारियां मैंने मेरी सहेली शिवानी जी की मदद से लिखी है धन्यवाद।🙏🙏