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💐"जरा सम्भल के करना किसी की  दोषनुसन्धान और आलोचना, क्योंकि आपके शब्द रूपी व्यंग्य बाण से कोई टूट...

💐"जरा सम्भल के करना किसी की  दोषनुसन्धान और आलोचना,

क्योंकि आपके

शब्द रूपी व्यंग्य बाण से

कोई टूट सकता है,

कोई  रूठ सकता है,

तो

कोई चढ़  सकता है सफलता की सीढ़ी

और

छू सकता है नभ की ऊंचाइयों को।"💐

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