"शिक्षक आराधना है, साधना है, साधन है और माध्य्म है। असाध्य को साधने का शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं"🙏🏻🙏🏻🙏🏻 🙏🏻🌹🌸🌸🌸 वैसे मेरे भी बहुत से गुरु बने।सभी एक से बढ़ कर एक।लेकिन एक गुरु जिन्होंने मेरी सोच,मेरा नजरिया और मेरे जीवन को ही परिवर्तित कर दिया।...
"इतिहास इतिहासकारों की वजह से नहीं बल्कि इतिहास रचने वालों की वजह से पढ़ी जाती है।" इसलिए इतिहास के पन्ने उन इतिहास रचने वालों से भरा है जिनके कार्य में जीवन का दर्शन था,समय से कई गुना आगे की दूरदृष्टि थी और तत्काल के लिये समाधान तो था ही आने वाले युगों...
आज की महंगाई को देखते हुए अगर कोई आपसे कहे कि आज भी किसी का घर खर्च 2,200 रुपये में चल जाता है ,तो आपको बहुत आश्चर्य होगा और उम्मीद करती हूं विश्वास भी नहीं होगा। एक दिन एक महिला मेरे घर आई और बताने लगी कि उसके पति बीमार रहते हैं, और वो खुद भी चलने के...
पिछले ब्लोग्स अवश्य पढ़ें🙏🙏🙏 पिछले ब्लोग्स में मैं नन्ही बच्चियों के साथ होने वाले अन्याय की बात की,कारणों पर चर्चा भी की।अब हमें कुछ न कुछ समाधान तो ढूंढना ही होगा अन्यथा ऐसे अनर्थ होते रहेंगे। चलिये विवेकानंद जी के जीवन और उनकी शिक्षा पर एक नजर डालते...
पिछले ब्लॉग में मैंने कुछ प्रश्नों के साथ आपको छोडी थी।उम्मीद है आप लोगों से उसपर विचार अवश्य किये होंगे। चलिए अब जानते हैं रिश्ते अच्छे बनाने के कुछ खास टिप्स:--- 💐देखिए किसी की कोई बात बुरी लगे तो या तो नजरअंदाज कर दें या क्लियर कर लें उसके साथ बैठ...
💐"कल्पना कीजिए कि एक विशाल सा पेड़ है,जिसकी शाखाएं बहुत ऊंची हैं,और उसके सबसे ऊंची डाली पर बहुत ही सुंदर,स्वादिष्ट और उपयोगी फल लटके हैं,जो काफी गुणकारी भी हैं।पर.....आप उसे प्राप्त नहीं कर सकते ,क्योंकि वो आपकी पहुंच से बहुत दूर है ।आप उसे देख और महसूस...
चाणक्य के दिये कुछ अनमोल, सच्ची और दार्शनिक बातों की चर्चा हम कर रहे हैं।जो शायद हमारी जरूरत भी है और मार्गदर्शक भी। उन्होंने लोगों को लगाव की वजह से उम्मीदें और उम्मीदों की वजह से उतपन्न चिंता से घिरे देखा और उससे बचने के उपाय के तौर पर कहा था कि..."लगाव...
हर बड़े व्यतित्व के पीछे होता है एक बड़ा बलिदान , खुद के सुखों की परवाह किये बगैर अपने जोखिम भरे काम में ही आनंद ढूंढना और बस अपने लक्ष्य को ही अपनी जिंदगी का मकसद बनाना । ताकि अपनी मेहनत से खुद के साथ साथ औरों के विकास में अपनी महत्वपूर्ण योगदान दिया जा...
सभी जीव जन्म लेते हैं और जीवन के अलग अलग चरणों से गुजरते हैं जैसे बालपन,जवानी और बुढापा।लेकिन मनुष्य का बुढापा बहुत सारे अनुभवों ,मेहनत के बाद ही आता है।और इस उम्र में सुकून,शांति और अपनों का आप अपनापन ही उनके जीने का सहारा भी होता है और उद्देश्य भी।...
पिछले ब्लॉग से मैने वृद्धावस्था के विषय में आपसे चर्चा करना शुरू की है।उम्मीद है ....आपको पसंद आई है..... वैसे तो फलों से लदे और शीतल छाया देने वाले पेड़ होते हैं बुजुर्ग।जिन्हें सम्मान और परवाह के साथ साथ उनकी देख रेख होनी ही चाहिए। लेकिन इसके विपरीत...
"अपराध बोध होना और अपराधी होना --दोनों ही में बहुत बड़ा फर्क है। इन दोनों के बीच के अंतर को यदि हम समझ लें तो ना कभी हमसे अपराध होगा और ना ही अपराध बोध होगा" चाण्क्य ने कहा था कि--"बदनामी से बचो"। यानी कोई ऐसा काम ना करो जो समाज को किसी भी मायने में क्षति...
समस्या ये है कि आज हर बंदा, आम हो या खास हर किसी के सामने समस्या सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ी है।हर कदम पर ,हर मोड़ पर ..कहती है मेरा सामना करो और आगे बढ़ो।कभी यही समस्या बिहड़ रूप लेकर ललकारती है तो कभी धोखा भी देती है। आज किसी के साथ बैठो तो पता चलता है कि...
भारत के इतिहास में वर्तमान के समस्याओं के समाधान छिपे हैं ,बस जरूरत है उसपर विचार करने और अपने जीवन में लागू करने की। हमने पिछले ब्लॉग में चाण्क्य के विषय में जानने और उनके द्वारा बताई नीतियों के विषय में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की। चलिए उनके विषय...
,💦"बाल मन है मिट्टी समान या तो माली बन अच्छे संस्कार का बीजारोपण कर वत्सल के जल से प्रेरणा और प्रशंसा के उर्वरा से सिंचित कर खुशबूदार और फलदायी बनाओ या कुम्हार की भांति सुआकृति दे कर उपयोगी बना दो "💦 कभी कभी हमे कुछ बहुत संस्कारी आज्ञाकारी बच्चे को देख...
पिछले ब्लॉग में मैंने कुछ पेरेंट्स के विकृत व्यवहार का ज़िक्र किया था।उसका असर पैरेंट के जीवन संध्या पर पड़ सकता है।तो मैने सोचा क्यों न आप खुद जाने की आप किस प्रकार की प्रवृति के पैरेंट हैं जिससे आप अपने भविष्य की भविष्यवाणी खुद ही कर सकें और सतर्क हो...
🌹"Love is like a transparent glass, We cannot see own reflection but others action." It demands devotion,dedication,faith and most importantly feeling of responsibilities for each others.🌹 This story is of successful pairs.They love each other,live for...
Around five years before I was traveling by bus.One gentleman sat beside me .perhaps he was from education field.I talked little bit to him.He looked very positive.How? When he got off from bus he admired the bus driver and conductor -you drove bus smoothly...
Shock may be physical or mental condition.In both situations we either get away from situation or fall in situations.Getting away from situations is good.But if fall in this situations then we may face different problem.let me explain the causes of mental...
We meet several person.To some person we want to meet again while to some person we like to ignore or avoid from company.Do you know why? Because some persons leaves positive impact while some leaves negative impact.But we all want to be admirable ,lovable...
Today we are living in cut throat competitive era.And it's demands new thinking ,new way,devotion and hard work.To survive in this era we must have more than one option. Most people have to run after privatisation.It's risky to stay.To stay we have to...
Whenever I sit idly I remember my childhood silliness,cowoardice and daringness.How?For this I will have to explain some events--- " I was in third or fourth standard at that time.I was just average student not only from IQ level but also from all aspects.So...
One Sunday I visited one of my relative.The female member was there and male member was at his job. When she saw me she became so happy .Her children are well settled and busy.But only she was staying at home with feeling of unwantedness(lonliness).She...
As we started to be civilised we developed some standard traits like bravary ,honesty, loyalty,telling truth etc in one hand but another hand we started cowordice activity like---- to cheat,to exploite,to tell lie too.It was actually the standard to make...
स्त्रियों के लिए कहा जाता है कि..वे जानती कम हैं पर समझती ज्यादा!!!!!!! सच वे जानती तो कम हैं और समझती ज्यादा इसलिए तो अपनी समझ -बुझ के आधार पर सही वक़्त पर सही निर्णय ले पाती हैं ।कम ज्ञान होने के बावजूद शिखर पर पहुंचकर अपनी न सिर्फ़ अपने होने का एहसास...
पिछले ब्लॉग में मैंने पीठ पीछे की जाने वाली उन शिकायतों पर चर्चा की जो सिर्फ़ खुद की मस्ती के लिए की जाती है।ये समस्या लगभग हर उम्र के लोग झेलते हैं और परेशान भी होते हैं। लेकिन प्रश्न ये है, कि आखिर हम ऐसा करते क्यों हैं??क्या इससे खुशी मिलती है या बस...